नारी तुम बसुधा हो नारी तुम अमृत सुधा हो तुममे ही बहती हर धार है तुम से ही सब पालनहार नारी तुम बसुधा हो नारी तुम अमृत सुधा हो तुममे ही बहती हर धार है तुम से ...
रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी। रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी।
समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है , हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है, समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है , हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है,
एक बार खुद ही सोचो एक बार खुद ही सोचो
प्राणों को करेगी तृप्त सुधा देवों का मठ बन जाऊंगा। प्राणों को करेगी तृप्त सुधा देवों का मठ बन जाऊंगा।
शब्दों की अपनी गरिमा है, भावों की अनुपम महिमा है। मृदु मंत्रों के पुष्पहार से, अनघ हृद... शब्दों की अपनी गरिमा है, भावों की अनुपम महिमा है। मृदु मंत्रों के पुष्...